डरो मत
जैसे रामायण में अन्याय का सामना करने के लिए स्वयं भगवान राम ने पदयात्रा का मार्ग अपनाया तभी वे लोक में नर से नारायण रूप में प्रतिष्ठित हुये। यही वह रास्ता है जिस पर चलकर सिद्धार्थ ने गौतम बुद्ध बनने की यात्रा की थी, महात्मा गांधी ऐसी ही दांडी यात्रा का कारवां लेकर हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी हो गये। इसी तरह आज राहुल गांधी भी भारत की एकता के प्रतीक चुके हैं। डर और नफ़रत की राजनीति के खिलाफ यात्रा का केवल एक ही संदेश है 'डरो मत'।
- आनंद जाट
श्री राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के दौरान जो बुनियादी प्रश्न उठाए, उन प्रश्नों के महत्व और उन प्रश्नों के लिये राहुल जी के संघर्ष को किताब में गहराई से व्यक्त किया गया है।
- श्री कमलनाथ
हाथ का पंजा तपस्या का प्रतीक है, वास्तव में यह शिवजी की अभय मुद्रा है। इसका अर्थ है 'डरो मत।' आपने अगर गुरुनानक जी को देखा हो, तो वह भी अभय मुद्रा में ही दिखाई देते हैं। भगवान बुद्ध और महावीर स्वामी सहित अन्य सभी महापुरुष 'डरो मत' का ही संदेश देते हैं।
- श्री राहुल गाँधी
अपनी किताब डरो मत में मैंने चुनावी बांड के संबंध में विस्तार से लिखने का प्रयास किया और बीजेपी के भ्रष्टाचार पर अनेक सवाल उठायें हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे असंवैधानिक ठहराया है जो श्री राहुल गांधी के आरोप की सत्यता का प्रमाण पत्र है। इस किताब का विमोचन स्वयं श्री राहुल गांधी जी ने किया है। ये किताब अमेजन पर आप सभी के लिये उपलब्ध है।